Untold Secrets of Mahamaya Pangna’s Mysterious Throne
कितना बदनसीब है महामाया पाँगणा का यह सिँहासन जिसकी सैँकडो वर्षोँ तक सुकेत की राजधानी के रूप मे विख्यात पाँगणा के कलात्मक छ: मञ्जिले देवी कोट की छठी मञ्जिल
मे पूजा अर्चना होती रही
कितना बदनसीब है महामाया पाँगणा का यह सिँहासन जिसकी सैँकडो वर्षोँ तक सुकेत की राजधानी के रूप मे विख्यात पाँगणा के कलात्मक छ: मञ्जिले देवी कोट की छठी मञ्जिल
मे पूजा अर्चना होती रही
राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है. वैसे तो खाटू श्याम बाबा के भक्तों की कोई गिनती नहीं लेकिन इनमें खासकर वैश्य, मारवाड़ी जैसे व्यवसायी वर्ग अधिक संख्या में है. श्याम बाबा कौन थे, उनके जन्म और जीवन …
हिमाचल, देवी देवताओं की भूमि है और यहां की हवा में कई रोचक कहानियां छुपी हैं। ये कहानी है कोयला माता मंदिर की ,इस मंदिर की पहाड़ी से कभी घी टपकता था। इतना घी कि आप नीचे बड़ा बर्तन रख दें और अगले दिन …
History of Badu Bada dev सुकेत के इतिहासकारों के अनुसार सुकेत का प्रथम पराक्रमी राजा था Badu bada dev अपनी वीरता तथा पश्चिमी हिमालया के अनेक ठाकुरो -राणो को हराने के कारण मृतयूपरांत इसे देवता के रुप मे मान्यता मिली। मांगल रियासत के सेंन …
51 शक्तिपीठों में से एक कामाख्या शक्तिपीठ(kamakhya Saktipeeth) बहुत ही प्रसिद्ध और चमत्कारी मंदिर है। कामाख्या देवी( Kamakhya devi ) का मंदिर अघोरियों और तांत्रिकों का गढ़ माना जाता है। असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित यह शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत …
सर्वोच्च शक्ति केंद्र Sikari यूँ तो Sikari mata का नाम प्रसिद्ध है पर Sikari Jogani का इतिहास उतना ही गूढ़ रहस्यों से ढका हुआ है इतिहास के पन्नो को कंगाले तो माता का इतिहास दुर्गा उतपति के समय से जुड़ता है । मान्यता है …
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां एक गांव के लोग हर रोज दर्शन करते हैं और दूसरे गांव के लोग वहां जाने से भी डरते हैं। Hatya Devi Temple कोई और नहीं सुकेत राज्य की राजकुमारी हैं। हां आप …
देवभूमि हिमाचल में अनेक देवी देवताओं के मंदिर पुरातन शैली में बने हैं। जिसकी काष्ठ कला किसी को भी हैरत में डाल देती है। परंतु सुमित्रा श्री महामाया (महिषासुर मर्दिनी ) मंदिर जो जिला मंडी के सुंदरनगर क्षेत्र जिसे पहले सुकेत रियासत के नाम …
सुकेत रियासत के 51 थड़ों के अधिपति हैं। देवता की हार करसोग से लेकर सलापड़ तथा कनैड से त्रिफालघाट, सुंदरनगर शहर देवहारी के अंतर्गत आता है। देव वाडादेव अपने सात भाइयों में ज्येष्ठ भाई हैं। देवता का मूल स्थान सुंदरनगर रियासत के गांव नालनी …