---Advertisement---

श्री Sat bada dev जी देवता ने बहा दी दूध की गंगा

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

---Advertisement---

सुकेत रियासत के 51 थड़ों के अधिपति हैं। देवता की हार करसोग से लेकर सलापड़ तथा कनैड से त्रिफालघाट, सुंदरनगर शहर देवहारी के अंतर्गत आता है। देव वाडादेव अपने सात भाइयों में ज्येष्ठ भाई हैं। देवता का मूल स्थान सुंदरनगर रियासत के गांव नालनी में स्थित। देवता का मंदिर काष्ठ पगौडा शैली में निर्मित है, जिसके साथ देवता का चमत्कारिक सर व तून्ही का प्रचीन पेड़ मौजूद है।

History of Sat bada dev nalni in Hindi

एक समय की बात है पड़ोस के गांव की एक काली रंग की गाय घास चरने के लिए आया करती थी। सायं जाते समय भेखल के पेड़ (बाड़) उसके ऊपर खड़ी हो जाती थी और अपना दूध वहां निकाल देती थी और उस गाय का मालिक जब दूध निकालने जाता, तो गाय दूध नहीं देती थी। इस बात से परेशान होकर गाय के मालिक ने गाय का पीछा किया और स्थिति को जान लिया। इससे गाय का मालिक भयभीत हो गया और फिर एक दिन गांव के सभी लोग इक_ा होकर उस स्थान के पास गए, तो भेखल के पेड़ के नीचे एक पिंडी के दर्शन हुए।

तत्पश्चात गांव वालों ने प्रार्थना की अगर तू कोई शक्ति है, तो परिचय दे। इसी समय एक व्यक्ति के शरीर में एक शक्ति प्रवेश कर गई और अपना परिचय दिया कि मेरा नाम बाड़ा देव है, तो गांव वालों ने उसी समय परीक्षा लेनी चाही कि तू अपना कोई प्रमाण दे, तो उसी समय देवता ने बोला कि साथ में सरोवर है जाओ और देखो वहां दूध की गंगा बह रही है, वहां जाकर गांव वालों ने देखा साथ में सरोवर से दूध निकल रहा था वह काफी दिनों तक ऐसे ही छंटता रहा।

आज भी उस सरोवर में दूध निकलते यथावत देखा जा सकता है। उस सरोवर के ऊपर बहुत विशाल तुन्ही का पेड़ है। कुछ समय बीतने के बाद जब राजा ने उस काटने के लिए अपने सैनिक भेजे तो जैसे ही सैनिकों ने पेड़ पर कुल्हाड़ी रखी ही थी कि देवता के गुर (मडेलू) ने उस पेड़ को काटने से रोका और उसके साथ ही स्वयं राजमहल में आकर राजा को देवते का परिचय दिया तो राजा ने अपनी गलती के लिए उनसे क्षमा मांगी और गलती का प्रयाश्चित करने के लिए स्वयं मंदिर में आकर राजा ने दो नगाढ़े भेंट किए, जो आज भी मंदिर में मौजूद हैं।

Source

  • SuketDevta (webpage)
  • LokGatha

Share this Post ...

Sanya Pathak

Hello I am content creator Upload blogs related dev sanskriti, Expolore the culture and promote it, Write History With refrence that are given in end of Blogs

Related Post ...

---Advertisement---

Leave a Comment