देवता का मंदिर शिवाबदार के स्प्रेई गांव में स्थित है और इन्हें श्री देव भैरव शिवजी का 5वां अंश माना गया है। जिला मुख्यालय मंडी से यहां की दूरी लगभग 26 कि.मी. है।

मान्यता के अनुसार ब्यास नदी में बहते हुए श्री देव भैरव बाह नामक स्थान पर प्रकट हुए थे। जहां पर श्री देव भैख प्रकट हुए, उस जगह पर गांव के लोग भेड़-बकरियां चराने के लिए ले जाते थे। वहां पर हर रोज एक-दो भेड़-बकरियां लापता हो जाती थी जो ढूंढने पर नहीं मिलती, परन्तु अगले दिन सुबह फिर उतनी ही बकरियां हो जाती थी। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। एक दिन गांव के एक बुजुर्ग ने ग्वालों का पहरा किया और उस दिन ग्वालू को खेल (देव वाणी) आ गई। पूछने पर उसने बताया कि मैं त्रिपुरा बूढ़ा भैरव हूं। इसके बाद खेल वाला ग्वाला गांव स्प्रेई में बैठ गया तथा कहा कि मेरा मंदिर यहां बनाया जाए। उसके बाद गांव के लोग सुख चैन से रहने लगे।