बालीचौकी क्षेत्र के महोगी के समीप शारटी गांव में देवता का स्थान है। यह गांव मंडी जिला मुख्यालय से लगभग 30 कि.मी. सड़क मार्ग की दूरी पर है और इसके उपरांत 10 कि.मी. की पगडंडी चढ़कर यहां पहुंचा जा सकता है। देवता का मूल स्थान बहूघी में है।
देवता के प्राकट्य को लेकर एक किंवदंती यहां प्रचलित है। इसके अनुसार बहुत समय पूर्व बडुघी में गांव के लोग गऊएं चराने के लिए छोड़ देते थे। वहां एक पत्थर के पास गाय आती और पूरा दूध पिण्डी पर उड़ेल देती थी। घर वापसी पर गाय चराने आए ग्वालों को खूब गालियां सुननी पड़ती थी । एक औरत ने यह सब नजारा देखा तो इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों को दी और इस तरह देवता के अस्तित्व का सभी को भान हुआ।
उसी समय से ऋषि पंचमी के दिन इस जगह पर जाग का आयोजन किया जा रहा है। इसका संचालन. आज भी हनो परिवार से कारदार व गूर करते आ रहे हैं। कहा जाता है कि देवता नाग पंचमी को ही मूल स्थान बडूघी में प्रकट हुए थे।
देवता का रथ धातु से निर्मित चौकी पर सुशोभित है और कारीगरी का उत्कृष्ट नमूना है।