मंडी शहर के साथ लगती मझवाड़ पंचायत के गांव शिल्हा कीपड़ में इन देवता का स्थान है और मंदिर काफी प्राचीन है। देवता के इतिहास के बारे में बताते हैं कि श्री देव बाला कामेश्वर घुघता बहुत पुराने देव हैं। पूर्व में जब राजा द्वारा श्री देव बाला कामेश्वर को महाशिवरात्रि का निमंत्रण दिया गया था तो उन्होंने राजा का निमंत्रण यह कह कर ठुकरा दिया था कि पहले मंदिर से लेकर मंडी शहर में राजा के बेहड़े (महल) तक तांबे की सड़क बनवाए और इसके बदले में देवता द्वारा राजा के बेहड़े में 2 घंटे तक सोने की बारिश की जाएगी।
पूर्व में देवता पुजारियों के साथ बातें करते थे, यह भी बुजुर्गों का कहना है। श्री देव बाला कमेश्वर जी को 18 व्याधियों को रोकने व बारिश देने वाले देवता के रूप में मान्यता है। अपने हारूओं की फसलों की वह ओलावृष्टि से रक्षा करते हैं व इसके लिए साल में दो बार पूरी हार की कार बांधते (परिक्रमा करते हैं।