Mahunag temple Karsog Himanchal Pradesh

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भारत का एक ऐसा मंदिर जहां पर प्रतिदिन हजारों लोग करते हैं Mahunag देवता जी के दर्शन, आज के इस blog में हम आपको बताने वाले हैं देवता Mahunag जी की कहानी महूनाग देवता जी का मंदिर सुकेत रियासत के Mahugadh(मांहूगढ़) के Mahunag(महूनाग) गांव में स्थित है । यह मंदिर पुरे देश में अपनी मान्यताओं के कारण विख्यात है । Mahunag का मंदिर करसोग बाजार से 25 किलोमीटर दूर है। मौंग जी को साक्षात्कार जी के रूप में जाना जाता है जो की एक महाभारत के योद्धा थे और जिन्हें दानवीर कर्ण के नाम से भी जाना जाता है आईए जानते हैं महूनाग जी की कहानी

Who is Mahunag Devta?

‎मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि Mahunag जी को राजा करण का अंश माना जाता है । ऐसा कहा जाता है कि जब महाभारत युद्ध में राजा करण जी को परम गति प्राप्त होने के बाद जब करण जी का शव जलाया जा रहा था तभी वहां से एक मांहू की और सांप की उत्पत्ति हुई जिसके फल स्वरुप राजा करण को देव योनि प्राप्त हुई और वह भक्तों के बीच आकर बस गए ।

History of Mahunag devta in Hindi

मान्यता मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब सुकेत के राजा को मुगल शासक औरंगजेब के द्वारा दिल्ली की जेल में बंद कर दिया था तो राजा जी मैं महूनाग देवता जी का आह्वान किया और महूनाग जी ने देवता जी को दिल्ली की जेल से बाहर निकाला । और जब देवता की जब दिल्ली से अपने रियासत सुकेत में वापस आ रहे थे तो तभी राजा को पुनः बुसहर के राजा द्वारा बंदी बनाया गया और राजा ने फिर से Mahunag जी को याद किया और देवता जी से मानता राखी की अगर मैं यहां से बच निकलता हूं तो आपको सालाना ₹300 प्रति भेंट मान्यता अनुसार दी जाएगी । जिसके फल स्वरुप राजा जी ने देवता को ₹300 प्रति सालाना भेंट के साथ चांदी का छात्र इनाम स्वरूप भेंट किया । इसके साथ राजा श्याम सेन ने महूनाग देवता जी के मंदिर को नया पहाड़ी स्वरूप दिया और देवता जी को अपने महल में जात्र दी ।

temple of mahunag

Weather in mahunag

लोक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि एक बार नाग धमनी और Mahunag जी के बीच लड़ाई हो गई जिसका कारण यह रहा था कि Mahunag जी का और नाग धमनी जी का मंदिर पहाड़ी के शिखर पर स्थित था । जिसके फलस्वरूप दोनों के बीच में युद्ध हुआ और अंत में परिणाम न निकलने के कारण दोनों में शर्त लगी की की दोनों अपनी पहाड़ी को खोज कर भूमि में ले जाएंगे । जिसके फल स्वरुप Mahunag जी अपनी भूमि को नीचे ले जाने लगे लगे जबकि नाग धमनी ने छल चल से अपनी पहाड़ी पर ढूंढ फैला दी । और अंत में परिणाम यह रहा कि Mahunag जी का मंदिर पहाड़ी के नीचे और नाग धोनी जी का मंदिर शिखर पर था ।

‎अगर Mahunag जी के मौसम की बात करें तो इनका मंदिर पहाड़ी के नीचे स्थित है इसलिए वहां पर मौसम अनुकूल है और सभी परिस्थितियों में सहानिया है । जबकि नाग धमनी जी का मंदिर पहाड़ी के शिखर पर है । और जहां पर आज भी ऐसा देखा जाता है कि ज्यादातर यह मंदिर धुंध से गिरा हुआ होता है । अगर आप महूनाग जी के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो यह मंदिर प्रतिदिन और साल के 12 महीने खुला रहता है ।

Mahunag Fair

Mahunag जी का मेला प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि के पंचमी तिथि को मनाया जाता है यह मेला सुंदर नगर में मनाया जाता है जो की Mahunag जी के उपलक्ष में मनाया जाता है जिसमें प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु देवता जी के दर्शन करते हैं । जिसमें कम से कम 200 देवता इसमें भाग लेते हैं । इसके अलावा मौंग जी का मेला सोच महीने में Mahunag जी के मंदिर के प्रांगण में मनाया जाता है ।

Mahunag Location

अगर आप Mahunag जी के मंदिर जाकर Mahunag जी के दर्शन करना चाहते हैं तो आप Mahunag जी के मंदिर हिमाचल प्रदेश शिमला होकर भी जा सकते हैं और आप सुंदर नगर होकर भी जा सकते हैं । Mahunag जी का मंदिर करसोग से 25 किलोमीटर दूरी और तातापानी से 35 किलोमीटर दूर है और और सुंदर नगर से दूरी 45 किलोमीटर है । Mahunag जी का मंदिर महूना गांव में स्थित है जो की करसोग तहसील और मंडी जिला के अंतर्गत आता है ।

Others temple of mahunag

पूरे देश भर में महूनाग जी का केवल एक ही मंदिर है जो कि हिमाचल प्रदेश के Mahunag गांव में स्थित है । किंतु Mahunag जी के गुरु के अनुसार Mahunag जी के 12 और स्थान है जहां पर और Mahunag जी के मंदिर भी स्थित है । इसकी कहानी वहां से जुड़ी हुई है जब Mahunag जी शिमला गए हुए थे ।

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