•भाता कोयला देवी का मूल स्थान बल्ह तहसील के राजगढ़ क्षेत्र में रिगड़ गांव में माना गया है। इसके समीप ही पिपलू महादेव व रियासतकालीन किला भी स्थित है। मंडी जिला मुख्यालय से यहां की दूरी लगभग 20 कि.मी. है।
श्री कोयला देवी बल्ह घाटी की प्राचीन एवं प्रसिद्ध देवी मानी गयी हैं। इनकी उत्पति सदियों पुरानी है और मंदिर के साथ पहाड़ी

घर किला होने के कारण यहां का नाम राजगढ़ पड़ा। देवी की उत्पति के बारे में कहा जाता है कि एक बार गांव में भयंकर महामारी का प्रकोप हो गया और कई लोगों की मृत्यु हो जाने से राजा भी चिंतित हो गए। राजा को स्वप्न में माता ने दर्शन दिए और स्वयं के कामाख्या देवी होने की बात कही। साथ ही बताया कि पहाड़ी पर विशाल काली चट्टान के नीचे से घी निकल रहा होगा, वहीं मेरा स्थान है और काली चझन के नीचे से निकलने के कारण यहां मैं कोयला माता के नाम से जानी जाऊंगी।

स्वप्न में बताए गए स्थान पर राजा जब पहुंचे तो वहां देवी की मूर्तियां मिली। राजा ने मूर्तियां स्थापित करवाई और गांव से महामारी का प्रकोप भी समाप्त हो गया। तभी से प्रति वर्ष स्थापना वाले दिन गांव में गलू का मेला मनाया जाता है। लोग दूर-दूर से मन्नतें लेकर मंदिर पहुंचते हैं। शिवरात्रि में प्राचीन समय से माता का मोहरा आता रहा है और बाद में माता का रथ भी तैयार किया गया।