देली जालपा की कोठी तहसील थलौट के स्तूनधार में स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय मंडी से सड़क मार्ग द्वारा 70 किलोमीटर तथा पगडण्डी होकर 45 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
लोक गाथा के अनुसार प्राचीन समय में जब देवी मां भ्रमण पर निकली तो शिकारी माता के रूप में रतून धार में विश्राम किया, जहां कन्या द्वारा भविष्यवाणी हुई कि यहां मैं प्रकट होकर सभी इलाकों की बिमारियों से रक्षा करूंगी। इसके बाद यहां पर साल में दो बार क्षेत्र के सभी देवता अपनी हाजरी भर कर क्षेत्र की रक्षा के लिए मां से प्रार्थना करते हैं।
वर्तमान में माता छड़ी रूप में देव गणपति जलैउणी के साथ हर वक्त उपस्थित रहती हैं। माता का अपना कोई रथ नहीं है तथा मंदिर में मूर्ति पिंडी के रूप में विराजमान है, जिसे मां जालपा का नाम दिया गया है।