देव शेषनाग टेपर का मंदिर और तहसील के गांव व डाकघर औट में है। जिला मुख्यालय मंडी से 80 कि०मी० दूर यह मंदिर सड़क के किनारे पर है।
History of Dev Sheshnag Tepar
मान्यता है कि एक बार सभी देवी-देवता पिपली से कांगड़ा होते हुए मण्डी आए और यहां से सभी ने अपने-अपने स्थानों को प्रस्थान किया। शेषनाग टेपर ने जब प्रस्थान किया तो टेपर गांव के भेखल के पौधे के नीचे स्थापित हो गए। कहते हैं कि एक गाय वहां आकर रोज अपना दूध छोड़ जाती थी। घर वाले पता करते-करते इस स्थान पर पहुंचे और गाय को दूध छोड़ते देखा। जब उन्होंने उस स्थान की खुदाई की तो वहां एक पत्थर की मूर्ति निकली। गाय की मालकिन के माध्यम से देववाणी कर देवता ने अपने बारे में सब बताया। देवता के निर्देशों पर लोगों ने वहां मंदिर का निर्माण किया।
कहा जाता है कि नाग देवता ने मण्डी के सबसे पहले राजा को स्वप्न में कहा कि वे राजमहल पधारना चाहते है। अगली सुबह राजा ने अपने मंत्रियों को स्वान के बारे में बताया। सभी देवताओं को बुलाया गया। सभी राजा ने नाग देवता के मोहरे को पहचान कर, राज महल में आमंत्रित किया।