देव मारकंडा का मंदिर गांव खमराधा में स्थित है जो कि जिला मुख्यालय मंडी से लगभग 55 किलोमीटर दूरी पर है।
देवता मारकंडा की उत्पत्ति जिला कुल्लू के थरास में हुई मानी गयी है। लोक मान्यता के अनुसार वहां से देवता नगवाई आया और आगे चलकर औट में विराजमान हुए तथा वही पर देवता का भव्य मंदिर बनाया गया है। उसके बाद देवता पनाऊ चले गए तथा वहां पर देवता का मंदिर पगौडा शैली का बनाया गया। उसके बाद देवता नलहौडी ठेला में आए, मगर नलहांडू लोग देवता को नहीं मानते थे। तब वहां पर पासा खेला गया, जिसमें नलहांडू लोग हार गए। हारने के बाद कुछ लोग हुड़दंग मचाने लगे तो उस गांव के लोगों को देवता ने श्राप दिया व पूरा का पूरा गांव एक नाले में विध्वंस हो गया। अभी तक वहां पर गांव का नामोनिशान नहीं है। उसके बाद देवता जंगली रास्ते से होते हुए खमराधा आए और आज तक यहीं पर विराजमान हैं।