मंडी जिला की बल्ह घाटी के मलवाणा गांव में भगवती मस्वाई (मनसा देवी) का स्थान है। जिला मुख्यालय से करीब दस ग्यारह किलो मीटर की दूरी पर मलवाणा गांव डाकघर टिकर, तहसील बल्ह, जिला मंडी में भगवती मस्वाई मनसा देवी का भंडार है। जहां देवी का रथ विराज मान है। देवी का प्राचीन मंदिर मलवाणा से करीब दो किलो मीटर दूर देवीधार की पहाड़ी पर स्थित है। जबकि दूसरा मंदिर मलवाणा गांव के दूसरे छोर नौण के पास नागधार में है।
भगवती मस्वाई मनसा देवी को नाग कन्या का रूप माना जाता है। जो पाताल लोक से उत्पन्न हुई हैं। कहते हैं मनसा देवी हरिद्वार और चंडीगढ़ इसी का रूप है। भगवती मस्वाई मनसा देवी की सात हार हैं, जिसमें मलवाणा, नरघवाड़, बाड़ी बणग्राम, नौण-नहोल, पिपली कथवाड़ी, रोहा और भडयाल शामिल हैं। मस्वाई भगवती को मानव कल्याण की देवी माना जाता है।
भगवती मस्वाई मनसा देवी का मशहूर सालाना मेला दीपावली को नागधार वाले मंदिर में आयोजित किया जाता है। इससे पूर्व संध्या पर देवी के पुराने मंदिर देवीधार में जाग का आयोजन किया जाता हैं। दिवाली मेले में देव कांढी कामेश्वर, देव टिकरू कामेश्वर, भगवती घूमावती, देहरी देवी आदि भी शामिल होते हैं। प्राचीन समय में दिवाली की रात मलवाणा गांव में लोक नाट्य बांटड़ा का मंचन होता था। अब यह परंपरा लगभग समाप्त है। इसके अलावा सायर के अवसर पर भी देवी का रथ देवी धार के मंदिर में जाता है। इस दौरान देव खेल होती है। जिसमें गूर भादों महीने के दौरान डायनों की झपट किस-किस व्यक्ति पर पड़ी है, इस बारे भी जानकारी देता है और उसका उपचार भी बताता है।
भगवती मनसा माता का रय बल्ह शैली का है, जिसमें आठ मोहरे हैं। एक सोने का बाकि अष्ट धातु और चांदी के हैं। रथ की सजावट चांदी के हार व डोड माला के साथ की गई है।
Source: Dev Gatha of Mandi Shivratri & Specially Thanks for Bal Krishan