Badyogi Deo temple Badeyog Suket

Naman

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Badeyogi temple History in Hindi

20 गण, 84 कला संपन्न देव बडयोगी जी महाराज की कोठी मडीयोनी करसोग में है। देवता बडयोगी जी को गुरु द्रोणाचार्य का अवतार माना जाता है। इस गांव में देवता का मोहरा स्वयं-भू है। एक बार एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था। हल चलाते-चलाते किसान को मोहरा मिला। किसान उस देवता के मोहरे को पकडऩा चाहता था, जैसे ही वह उसे पकडऩे जाता उसी समय देवता का मोहरा अपना स्थान बदल कर आगे चला जाता।

इस प्रकार की प्रक्रिया कई घंटों तक चलती रही, फिर किसान निराश होकर बैठ गया, तब आकाशवाणी हुई, ‘मैं ब्राह्मण देवता हूं और तूं अभी अशुद्ध है पहले सात बार स्न्नान कर आ फिर मैं तेरे पास आऊंगा। मैं 20 गण 84 कला संपन्न, नवग्रह वचन और अस्त्र-शस्त्र और 36 प्रकार की व्याधियों का भंडारी हूं। तत्तापानी-करसोग मार्ग पर तत्तापाणी से लगभग तीन किलामीटर दूर सरौर खड्ड में एक गुफा है, जिसमें प्राकृतिक शिवलिंग स्थापित है।

image of dev Shree badyogi deo

Final word

In the 21st century, Dev Badyogi had three temples; all temples were mool temples. For more details, read the book Journal and Proceedings of the Asiatic Society of Bengal.

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Naman

not a professional historian or writer, but I actively read books, news, and magazines to enhance my article writing skills

2 thoughts on “Badyogi Deo temple Badeyog Suket”

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