श्री देव मारकण्डेय ऋषि का मंदिर औट तहसील के थलौट गांव में स्थित है। यहां तक जिला मुख्यालय मंडी से 40 कि. मी. पक्की सड़क तथा तीन कि.मी. पगडण्डी है।
मान्यता है कि थलौट गांव की रजॉनी खानदान की एक गाय जब चरने जंगल जाया करती थी तो एक सांप उसका दूध पी लेता था और जब मालिक ने इसे देखा तो वह लुप्त हो गया। तभी गाय मालिक ने आवाज लगाई, अरे दुष्ट कौन है तू सामने आ। तभी आकाशवाणी हुई कि मैं आपके घर में मिलूंगा। जिस स्थान पर यह घटना हुई, उस स्थान पर एक भव्य मंदिर बना हुआ है। जब गाय का मालिक घर पहुंचा तो उसे घर के टाहले (छत्त) में एक कठाही में अष्ट धातु की मूर्ति मोहरा तथा एक लोहे की मूर्ति मिली। मोहरे को मारकण्डेय ऋषि माना गया और लोहे की मूर्ति को घटोतकच्छ डावरू माना गया।