temples in mandi state

देव कांढलू बाला कामेश्वर

Naman

Updated on:

kandlu bala kameswar baggi balh

WhatsApp Group

Join Now

Telegram Group

Join Now
---Advertisement---

बग्गी-गोहर सड़क पर गांव बग्गी से लगभग 3 कि.मी. की दूरी पर पाघरू कलवाड़ी गांव में देवता कांढलू बाला कामेश्वर का भण्डार (कोठी) है, जबकि कलवाड़ी गांव से डेढ़ कि. मी. दूर देवधार (सिंहल) में इनका मूल स्थान है।

यह देवता रियासत काल से करण्डी में विराजमान थे। लोक गाथा के अनुसार मंडी की रानी खैरगढ़ी ने देवता से कुछ मन्नत मांगी, जिसके पूरा होने पर रानी ने देवता का चांदी का रथ बनवाया जो आज भी मौजूद है। देवता के चार मोहरे रानी ने तथा चार मोहरे हार (क्षेत्र) वालों ने बनाए हैं। देवता की हार मान्यता, तरलाजा, रोपड़ी, मैहरी, औद्धा, पथेहड़, देवधार, खियूरी, नलसर, दरवायू, बोरा, बग्गी, मरकान्ध, कांगरू, कोट, गनीउरा, पाधरू, मडेन्हरी, भरीहूं, कलवाड़ी, घवालू, घरवासड़ा, भरेड़ आदि स्थानों तक है।

देवता को 18 बीमारियों का भण्डारी माना जाता है। देवता अपने क्षेत्र में पशुओं में होने वाली बीमारी जिसे स्थानीय भाषा में खरयाली (पशुओं के खुर व मुंह में होने वाला रोग) कहा जाता है, से भी रक्षा करता है। देव कांढलू कामेश्वर पुरातन देवताओं की सूची में शामिल है। देवता राजाओं के समय से ही मंडी शिवरात्रि में शामिल होते आ रहे हैं।

---Advertisement---

Naman

not a professional historian or writer, but I actively read books, news, and magazines to enhance my article writing skills

Leave a Comment