श्री नैणा देवी भगवती, सकरोहा

Naman

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Sakroha naina bhagwati

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बल्ह घाटी के गांव सकरोहा जो मंडी जिला से 18 किलोमीटर की दूरी पर है, में माता का स्थान है। देवीधार नामक स्थान पर देवी का स्थल काफी पुराना है।

माता के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि काफी साल पहले देवीधार नामक स्थान पर नैणा भगवती जी का उद्भव हुआ था। कहा जाता है कि इस जगह पर ग्वाले गायें चराने के लिए जाया करते थे, वहां उन के साथ एक कन्या खेलती-कूदती थी, जो • अपना नाम नैणा बताती थी। वह नैणः नामक कन्या एक चौहान बछिया से प्रतिदिन दूध निकालती और उन ग्वालों के साथ स्वयं भी दूध पीती थी। ग्वाले तो शाम को घर लौट जाते, मगर कन्या वहीं रहती थी। शाम को जब ग्वालों को घर वाले खाने को रोटी देते तो वह खाना खाने से इन्कार करते थे।

naina bhagwati sakroha ka rath
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ऐसे में जब ग्वालों से परिजनों ने कारण पूछा तो उन्होंने जंगल में कन्या व दूध पिलाने की बात उन्हें बताई। यह सब सुन कर गांव के लोग जंगल में गए और उन्होंने सारा वृतांत छिप कर देखा और उसके बाद जब लोगों ने कन्या को पकड़ना चाहा तो वह वहां से भाग कर एक पीपल के पेड़ के पास पहुंच कर लुप्त हो गई। जब लोग पीपल के पेड़ के पास पहुंचे तो कन्या की जगह पर एक पत्थरों की मूर्ति उन्हें मिली। उसी दिन से यहां पर माता नैणा के नाम से देवी का स्थल बन गया।

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Naman

not a professional historian or writer, but I actively read books, news, and magazines to enhance my article writing skills

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